Wednesday, October 16, 2019

करवाचौथ क्यो मनाते हैं

जब देवता असुरो से हारने लगे तब देवता ब्रह्मा के पास गए और तब ब्रह्मा जी ने देवताओं की पत्नियों से व्रत रखने और उनकी जीवन की कामना करने को कहा।

देवता विजयी हुए ये बात पत्नियों को पता चला तो बहुत खुश हुई।

तब पत्नियों ने चंद्रमा को जल देते हुए अपना व्रत समाप्त किया।

धीरे धीरे आगे ये करवाचौथ का रूप ले लिया और तब से मनाया जाने लगा।

२०१९ का करवाचौथ १७ अक्टोबर को पड़ा है जिसमें सुबह ६ से शाम ७ के बिच व्रत है ।

७ से ८ बजे शाम पूजा करके ८:१८ मिनट शाम चाद को देखा जा सकता है और औरतें अपने पति के साथ पूजा करके व्रत समाप्त कर सकती है।

पूजा के लिए जल से भरा हुआ लोटा एक थाली में लेकर कुछ फल रखकर करवा माता का फोटो छलनी और सीक आदि।





No comments:

Post a Comment

Critical Thinking Class